दालमे कुछ तो काला है,मोदीजी!



     ना खाऊंगा,ना खाने दुंगा! सबका साथ,सबका विकास!मनकी बात ! छप्पन इंच सीना! ये सब सुनकर लगता था कि,मोदीजी कोई बहादुर आदमी है.कुछ समय विश्वास किया.करना पडा.और कौई चारा नही था.पर अब नही रहा.जब मोदीजीकी सल्तनत मे एक एक कर लुटेरा भारत को लुटकर भाग रहा है,और हमारा चौकीदार मुहं ताक रहा है.
कितने लुटेरे है,मोदीजी?
आप कहो गे,पुरे तेईस सरकार!
फिरभी आपको दिखाई नही दिये?तो आप चौकीदार बनकर खडे थे या,पोटली बांधकर हवाई जहाज मे चढा रहे थे?
 सवाल तो उठता है ,भाई! क्यो नही?जो चाहे जुलुम ढहा लो ,दिमाग तो सोचेगा ही! कितनी भी मनकी बाते सुना दो,हमारा मन तो लुडका नही , भाई! अखीर ये लोग भागे कैसे? भागे या भगाया गया?कैसे यकिन करे कि,ये आपको पता नही? ये चोरोका,लुटेरोका नाम अगर हम कहे,तो मुजरीम ने दरोगा को रपट सिखानेवाली बात होगी.आप कहोगे,हम है यहांके थानेदार.आगे पिछे हमारी सरकार.हम ही है यहांके चौकीदार!
        मोदीजी चौकीदार चुने जाने के बाद,एक एक कांग्रेस नेताओको गोंद लेनेकी विधी की गई! भाजप मे था नही कोई,तो औरोके अडाप्ट कर लिये गये.हिंदुस्तान रिव्होलेशनरी सोशॅलिस्ट पार्टीसे शहिद भगतसींग.राजगुरू, सुखदेव, चंद्रशेखर आझाद, मदनलाल धिंग्रा,उधमसींग.हिंदु महासभासे बै.सावरकर,नाथुराम गोडसे.कांग्रेस से नेताजी सुभाषचंद्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल.क्यो लेने पडे उधार? आज भी कांग्रेस विधायक और सांसदोको अपनी तंबू मे बुलाया जा रहा है.क्यो?अपने गाव गलीमे कोई नेता बनने लायक नही है क्या? ऐसे क्रांतिवीरोको सराहा तो हमे भी लगा कि चाहत अच्छी है तो लक्षण भी अच्छे ही होंगे.पर लक्षण ना लिये ,ना पाये.सिर्फ उनके नामका फायदा उठाया.किसीका श्राद्ध मनाया.किसीका पुतला बनाया.किसीका मंदिर बनाया.मगर उनका तनिक भी अनुपालन नही किया.भगतसींग ने सैतान डायर को गोलीसे उडाया.आझाद ने गोलीयो की रंगरेली खेली.धिंग्रा और उधमसींग ने तो दुश्मनोको उनके घर इंग्लंड मे घूसकर उपर भेजा.वीर सावरकर ने तो वीरोकी फौज बनाई.नेताजी ने तो दस्तुरखुद्द आझाद हिंद सेना संभाली.क्या इन्होने ऐसा करने किसीकी परमीशन मांगी थी? तो आपको किसकी परमीशन चाहिए,मल्या,मोदी,चोक्सी,अदानी को उपर पहुंचानेके लिये? राहुल गांधी से चाहिए तो तुरंत मिल जायेगी.हमसे चाहिए,समझो दे दी. मगर कुछ तो बहादुरीका काम करो. छप्पन इंच का सीना नापते नापते टेप घिस गई.मनकी बात सुन सुनकर हमारे पोते भी बुढे होने लगे.अखिर कबतक सुने ,आपकी मनकी बात? क्यो सुने,मनकी बात? ये कोई दादी मां की लोरी तो नही?
       अमेरिका ने इराक मे घुसकर सद्दाम को जन्नत भेजा.किस की अनुमती मांगी थी? कौनसा आंतरराष्ट्रीय प्रत्यार्पन करार किया था? वो थी देशकी चौकीदारी! वो थी वीरकी बहादुरी! अमेरिकाने पाकिस्तान एटोबाबाद मे घुसकर लादेन को जहन्नम भेज दिया.किसकी अनुमती मांगी थी? लुटेरा आंखे ताने और चौकीदार सीना नापते रहे.ये बात हजम नही हो रही है.दाऊद आपके नाक के निचे पाकिस्तान मे कारोबार चला रहा है.दिल्लीसे सिर्फ चालीस कोस दुरीपर.मल्या आपको टाटा बाय बाय कर इंग्लंड उड गया.मोदी,चोक्सी.और कितने नाम दूं.सब तो आपके ही करीबी दोस्त है.और अब गौतम अदानी.क्या हुआ तेरा वादा?क्या कसम ,क्या इरादा?
       आपने एल आयसी मे पैसा भरने जबरदस्ती की है.मै नही चाहता कि,मै मेरी दाल रोटी का पैसा एलआयसी को दूं.एल आय सी कोई भगवान की पेढी नही है,जो पैसा भरनेपर हमारी जान बचा ले.मगर,एक जिलेटीन जरूर है कि,हमारा खून चुस ले.हमारा खून चुस चुस कर एल आय सी का खजिना भरा और तुम्हारा अपना दोस्त ने कर्जा उठाकर बगल उंची कर दी.ये तो हम जनताकी लुट है.सोची समझी साजीश है.आप ने कहा था कि, बॅंक मे खाता खोलो.पैसा मिलेगा.पंदरा लाख मिलेगा.ये लालच मे आकर हमने हमारी नाती पोते,परपोते के भी खाते खोल दिये.जो अबतक पैदा ही नही हुए.हमने हमारे गुजरे हुए,दादा ,परदादा के नाम खाते खोल दिये.पंदरा लाख जो मिलनेवाला था.हमे पता ही नही चला कि,ये धोखाधडी है.अब पता चला कि,ये पैसा अदानी को चाहिए था.ये पैसा मल्या को चाहिए था.ये पैसा मोदी और चौक्सी को चाहिए था.
      मोदीजी,हम साफ साफ कहते है कि,अदानी आपका करीबी दोस्त है.जितने भैयाजी प्रह्लादभाई मोदी भी नही.इन्होने,कहांसे कर्जा उठाया,कितना उठाया,क्यो उठाया?इसका ब्यौरा आपके पास है.अगर ना कहे तो , चौकीदार बदलना पडेगा.सारा हिंदुस्थान जान गया है कि,मोदीजीके दाल मे कुछ काला है.आप बताओ,शायद पुरी दाल ही काली है क्या?

.... शिवराम पाटील
९२७०९६३१२२
महाराष्ट्र जागृत जनमंच
जळगाव.

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