"स्टेच्यु ऑफ करप्शन."


जलगांव, महाराष्ट्र.
दिनांक.२२।१।२०२२

प्रति..मा.नरेंद्र जी मोदी,
सन्माननिय प्रधानमंत्री,भारत सरकार.

विषय.. भ्रष्टाचार युक्त भारत संबंधित.

महोदय,आप ने चुनाव प्रचारमे कहा था कि,मै ना खाऊंगा,ना खाने दूंगा.बहुत अच्छा लगा.लगा कि,अब अच्छे दिन आयेंगे.जैसे आप कह रहे थे कि,अच्छे दिन आनेवाले है.माना कि,आपकी ईच्छा हो, परंतु कदम उलट दिशामे पडे है.आप प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रशासकीय, शासकीय , राजकीय अपहार बेलगाम बना है.आपने इडी के माध्यम से भ्रष्टाचारी नेताओको जेलमे डाला,इसकी हम सराहना करते है.अफसोस इस बातका है, भ्रष्टाचारी नेता भाजपका हो,या भाजपमे आ जाये तो आप क्षमा कर देते हो.ये ठिक बात नही.इसका स्पष्टीकरण कुछ भी दे ,मगर हजम नही होता.
महोदय, प्रशासन मे अधिकारी गण भ्रष्टाचार करते थे.मगर डर तो था.नेताओका नही,जनता का.आपने वह डर दूर कर दिया.अगर किसी नागरीक ने भ्रष्टाचार की शिकायत की,तो भ्रष्टाचारी अधिकारी उसके उपर सरकारी कामकाज मे व्यवधान डालनेका आयपीसी धारा ३५३ के तहत फरियाद दायर करते है.हालांकि ये फरियाद झुठ के आधार पर बने बनाई रहती है. कोई भी नागरिक सरकारी काममे दखल अंदाजी लेता है,मगर रोकता नही.व्यवधान डालता नही.अंग्रेज सरकार के जुलूम के खिलाफ कोई भारतीय नागरिक न जाये इसलिये आयपीसी धारा ३५३का प्रावधान किया गया था.उसके आधार पर अंग्रेज कडा शासन करना चाहते थे.हालांकि,ऐसा करके भी अंग्रेज फेल हुए.देश छोडकर जाना पडा.यह समीकरण आपको भी लागू होगा.
अंग्रेज तो चले गये,मगर आपने उनके नक्शेकदम चलनेका प्रयास किया है.आझादी के बाद कोई नागरिक सरकारी काम मे रूकावट नही करता.उलटा सरकारी काम जल्द हो,उसमे अपहार न हो,उसकी गुणवत्ता हो,इस लिये कोशीस करता है,शिकायत करता है.ये शिकायत करना आपको उचित नही लगा.अपहार को रोकना, प्रकाशित करना, प्रसारीत करना आपको ठिक नही लगा.इसलिये आयपीसी धारा ३५३ को आपने औरभी सख्त कर दी.अपहार करना भी सरकारी काम माना गया.दो साल की सजा का प्रावधान था,आपने बढाकर पांच साल की सजा कर दी.ताकि, सरकारी अपहार को कोई ना टोके,ना रोके.अपहार चलता रहे,बढता रहे.
   नतीजा ये हुआ कि, सरकारी अधिकारी छुठमुठ की शिकायत पुलिस मे कर,आयपीसी धारा ३५३के तहत शिकायत कर्ता को कोर्ट के चक्रव्यूह मे डाल देता है. न्यायाधीश महोदय तारीख पे तारीख देकर उसे परेशान करनेका कर्तव्य निभाते है.इसका फायदा सरकारी अधिकारी खुले आम अपहार कर सरकार को लुटता है‌.सिर्फ सरकार को नही,जनता को लुटता है.फेब्रुअरी २०१९से ,जबसे धारा ३५३के तहत सजा बढाई गयी तबसे अपहार का सिलसिला बढ गया है. ‌‌इसका श्रेय आपको जाता है.सरकारी दप्तर मे भ्रष्टाचार, अपहार बढानेमे आपका योगदान भारी भडकम रहा है.यह निंदनीय है.
     महोदय,आप स्वयं को चौकीदार कहते है.तो चौकीदार ने चोरी रोकनेका काम करना चाहिए,न कि बढानेका .आपने सरकारी चोरी बढानेमे सरकारी चोरकी मदद की है.सरकारी चोर को सुरक्षा प्रदान की है.परिणामस्वरूप हमारा कलेक्टर,हमारा सीइओ,हमारा आयुक्त,हमारा तहसीलदार,हमारा बीडीओ बेशरमीसे,बेरहमीसे अपहार कर रहे है.मेहरबानी आपकी. इसकी हम कडी निंदा करते है.
     महोदय,नेतागण ,विधायक और सांसद सरकारी अपहार मे शामील होते है.वो कभी अपहार के खिलाफ कारवाई की मांग नही करते.कभी देवेंद्र फडणवीस ने अपहार के खिलाफ शिकायत की?कभी शिवराजसींग चव्हाण ने अपहार के खिलाफ शिकायत की?कभी आपके सहयोगी मंत्रीने अपहार के खिलाफ शिकायत की? बिलकुल नही.आम जनता अपहार के खिलाफ शिकायत कर कारवाई की मांग करती है.उसी आम जनताको,जो अपहार नही चाहते,उसे आपने कडी सजा देनेकी कोशीस की है.ऐसा हमारा अनुभव रहा है,ऐसा हमारा अनुमान रहा है.आम जनता आपको "अपहार का मशीहा", "भ्रष्टाचार के देवता " मानती है.भारतीय जनतंत्र के इतिहास मे यह दर्ज होगा.भारत मे अपहार बढानेवाले प्रधानमंत्री ,मा.नरेद्र मोदीजी थे.सरकारी चोरोको ढील देनेवाले प्रधानमंत्री मा.नरेद्र मोदीजी थे.सरकारी चोरोको संरक्षण देनेवाले प्रधानमंत्री मा.नरेंद्र मोदीजी थे. क्यों कि,आयपीसी धारा ३५३ ये जनता पर जुलूम और आधिकारोको चोरी करने हेतू उपयुक्त बनी हुई है.
    अमेरिका में " स्टेच्यूऑफ लिबर्टी" बनी है.भारत मे " स्टैच्यू ऑफ युनिटी" बनाई है. आपके यादगारमे हम स्टेच्यू बनायेंगे."स्टेच्यू ऑफ करप्शन."
      महोदय,यदि मै आपको पत्र भेजता हूं,तो आपके कार्यालय मे पहुंच नही सकता‌.कह देते है,मिला नही.अगर मै इ मेल करता हूं,तो आपको दिखाया नही जाता.कह देते है,पढा नही.इसलिये खुले आम पत्र लिखकर आपको और साथ साथ जनता को भी अपील करता हूं.आप रोजाना आम आदमी को मिलनेका फोटो और व्हिडीओ प्रसारित करते हो,मनकी बात सुनाते हो.तो कभी जनता के मन की बात आप सुनना चाहिए .हम अनुभव हम लेना चाहते है कि ,आप सिर्फ प्रसंशा की पुष्पमाला स्विकार करना चाहते हो या गलतियोका गुच्छ भी ?

 ... शिवराम पाटील
९२७०९६३१२२
महाराष्ट्र जागृत जनमंच
जलगांव.महाराष्ट्र .

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